Campus placement अंडरइस्टीमेट होने के लिए तैयार हो जा ब्रो
ampus placement अंडरइस्टीमेट होने के लिए तैयार हो जा ब्रो
लोगों के लिए कोरोना का असर (Corona effect) ब्लड टेस्ट की सुई के दर्द जैसा हो गया है और अब चीजें पटरी पर आने लगी हैं, कॉलेज स्टूडेंट्स (collage students) अपनी पढ़ाई खत्म करके जॉब्स के लिए तैयार हो रहे हैं लेकिन आप ये मत भूलियेगा कि आप कोरोना(corona) वाले बैच के नाम से बुलाये जाने वाले हैं। अंतिम सेमेस्टर में जो प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए इंडस्ट्रियल ट्रेनिग (industrial training) होती है वो तो लॉकडाउन के चक्कर में नहीं हुई है , जैसे तैसे आपने अपनी पढ़ाई पूरी की है, लेकिन आपने इस मुश्किल वक्त में भी अपने आप को मुख्य धारा में बनाये रखा है तो ऐसा कहकर आपको कोई माई का लाल अंडर इस्टीमेट नहीं कर सकता, ऐसे वक्त में आपके अंदर के टैलेंट ओर उससे आने वाले कॉन्फिडेंस के बल पर ही कोई कंपनी आपको हायर करेगी तो बस इसी विचार के साथ कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट (campus placement)में बैठने के लिए तैयार हो जाएं ।
आमतौर पर कोई कंपनी आपके पॉजिटिव एटीट्यूड , आपकी टिके रहने की क्षमता, क्रिएटिव आइडिया और आपके कॉन्फिडेंस के बल पर ही आपको चुनती है, रही सही कसर आपकी इंडस्ट्रियल ट्रेंनिग पूरी करती है, लेकिन इस बार चीजें थोड़ी सी अलग हैं, डराने वाली भी हो सकती हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि ये सच है मैं मानता हूं कि इस बार आपके हुनर और उससे आने वाले कॉन्फिडेंस की वर्जिश होने वाली है अगर आप थोड़ा बहुत समझे हैं तो ठीक समझे हैं आपदा को अवसर में बदलने का वक्त है , आपदा को अवसर मतलब दिल टूटने के बाद बेस्ट बनने का जो कीड़ा जागता है, मैं उसी कीड़े की बात कर रहा हूं और मैं उस कीड़े की कुलबुलाहट को ही आप सबके अंदर उठाना चाहता हूं ।आप किसी से कम नहीं है ये बात सच है और सच रहेगी चाहे कुछ भी हो कोरोना जैसे चार और वायरस भी आपके सामने मुंह क्यों न चिढ़ा रहे हों ये आपकी क्षमता को हिला नहीं सकते हैं। अगर आपको लगता है कि कोरोना वाले बैच के बच्चे कहकर अगर कोई आपको दब्बू बना रहा है तो ये सही है ऐसा होगा क्योंकि जिन्होंने आखिरी सेम की प्रैक्टिकल पढ़ाई की है और इसके बल पे नॉकरी पाई है वो आपसे ठीक ऐसा ही कहने वाले हैं। बस इस बात से लड़कर खुद को रेस में बनाये रखने की क्षमता ही आपकी नैया पार लगाएगी सीधे शब्दों में नॉकरी आपके दम पर ही मिलने वाली है आपने इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग नही की तो क्या हुआ आपके अंदर का कीड़ा जिसने आपको आपकी फील्ड चुनने में भरपूर मदद की है उसकी कुलबुलाहट ही आपको आपके मुकाम की पहली सीढ़ी दिलाने में मददगार साबित होने वाली है, हो सकता है लॉक डाउन के कारण आपकी वो कुलबुलाहट कहीं खो गई हो लेकिन ये याद रखें वो शांत तभी होती है, जब आप अपने मुकाम के करीब होते हैं ये वही कुलबुलाहट है जो अपने मन के मुताबिक रोबोट बनाने के बाद ही ठंडी पड़ती है।
दब्बू बनने के बारे जरा भी न सोचें आगे बढ़े अपने हुनर को बैसाखी बनाएं और उसे अच्छे से पेश करने की तैयारी करें क्योंकि ये मौका किसी अच्छी कंपनी की छाप वाली ट्रेनिंग के बल पर नॉकरी पाने का नहीं बल्कि आपकी खुद से सीखने की क्षमता के दम पर नॉकरी पाने का है , ये वक्त है अपने हुनर पर चढ़ी लोगों की फालतू की अंडर इस्टीमेट करने वाली बातें और लॉकडाउन की धूल झाड़कर अपने आप को साबित करने का, बाकी कोरोना वैक्सीन(corona vaccine) पर काम तो काम चल ही रहा है और चलता रहेगा लेकिन अच्छे वक्त का इंतज़ार करना भूल जाइए क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं वाला सीन ज्यादा काम करने वाला है अगर पिछड़े तो बस कोरोना वाले बैच के ही बनकर रह जाएंगे , इसलिए टूटकर बिखरने की खनक को जीवन का सुगम संगीत बना डालिये, न जाने फिर ऐसा बिखरना किस्मत में हो या न हो।
मोटिवेशन की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि कोरोना काल (Corona period) में मोटिवेट करने वाले समशेर भी पस्त पढ़ चुके हैं एक भाईसाब तो बैंगलोर में अपना डिप्रेशन का इलाज करवा रहे हैं और न जाने कितने बीमार हुए होंगे, अगर आप मेरे इस कंटेट को आखिरी तक पढ़ गए हैं तो समझिए कि आप उन पस्त पड़े समशेरों से लाख गुना अच्छे हालातों में हैं ।
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